1
2
उज़्बेकिस्तान में रहने वाली डॉ नीलूफ़र खोजाएवा ने मुंशी प्रेमचंद के उज़्बेक अनुवादों की भाषा शैलीगत विशेषताओं पर पीएचडी की है। उन्होंने हिन्दी में उज़्बेक साहित्य की विशिष्ट कृतियों का अनुवाद, संकलन और प्रकाशन भी किया है।
#विश्वहिन्दीसम्मान
3
रुस के डॉ मक्सिम डेम्चेंको भारतीय संस्कृति और दर्शन शास्त्र के विद्वान हैं । वह रूसी भाषा में भारतीय अध्ययन पर कई पुस्तकों के लेखक हैं। वह रुस में रामायण का प्रचार करने के लिए प्रयासरत हैं।
#विश्वहिन्दीसम्मान
4
पोलैंड से आने वाली हिन्दी विद्वान डॉ मोनिका ब्रोवकिर्ज़क ने कुछ वर्ष भारत में हिन्दी को अपनी सेवाएँ दी।उन्होंने हरिवंश राय बच्चन जी की कविताओं का पोलिश में संपादन और सह-अनुवाद कार्य भी किया।उनकी शोध रुचियों में हिन्दी साहित्य और आत्मकथातमक लेखन भी शामिल हैं।
#विश्वहिन्दीसम्मान
5
ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली डॉ. मृदुल कीर्ति सांस्कृतिक,आध्यात्मिक और अंतर्बोध की भाषायी सेतु हैं। उन्होंने बहुत सारे ग्रंथों का हिन्दी काव्यानुवाद किया है । उनकी भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के प्रति गहरी निष्ठा है।
#विश्वहिन्दीसम्मान