1
दिन रात #कश्मीर पर #Pakistan की वकालत करने वाली महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला से तो आप क्या ही उम्मीद करोगे पर शशि थरूर जैसे लोग #Musharraf को शांति का दूत बता रहे हैं...मतलब कुछ भी ! मुशर्रफ को मरने के बाद भी हम भारतीय क्यों आदरांजलि न दें, इस पर मेरा लेख, आज नवोदय टाइम्स में