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दिल्ली एनसीआर का मौसम देखकर ऐसा लग रहा है जैसे प्रकृति इंसान से अपना हक़ छीन कर ले रही है।
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मैं सोच रहा हूँ कि अगर ये ‘मदर्स डे’ ना होता तो हम अपनी माँ को ये कैसे बता पाते कि हम उससे कितना प्यार करते हैं।😄
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एक तरफ़ हंदवाडा बदले के डर से पाकिस्तान काँप रहा है, आतंकी सलाउद्दीन इंडियन आर्मी के ख़ौफ़ से रो रहा है और दूसरी तरफ़ कोरोना से लड़ने के मामले में पूरी दुनिया भारत के प्रयासों की प्रशंसा कर रही है। मतलब हिन्दुस्तान आतंकवाद और कोरोना दोनों से सफलतापूर्वक निपट रहा है। जय हिन्द।🇮🇳
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ब्रेकिंग न्यूज़- @chitraaum को जन्मदिन की बधाई देने की मारा-मारी और आपाधापी में टूटे लॉक डाउन और सोशल डिसटेंसिंग के सारे नियम।😄
भीड़ बहुत थी इसलिए मैं नियमों का पालन करने के चक्कर में थोड़ा लेट हो गया। जन्मदिन की शुभकामनाएँ।😉🎂
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मौलाना साद अब तक सामने नहीं आए हैं और ये तो तब है जब वो क़ानून का सम्मान करते हैं।😄
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इस बार ये कैसी ग़ज़ल लिख दी आपने, ना रदीफ़ है ना काफ़ीया।😄 twitter.com/MunawwarRana/s…
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आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री।
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कल- मोदी को कम से कम 10 लाख़ करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान करना चाहिए।
आज- मोदी ने 20 लाख़ करोड़ दिया है मतलब 20 लाख़ करोड़ ÷130 करोड़= 15385. मोदी ने तो कहा था हरेक को 15 लाख़ मिलेंगे लेकिन दिए केवल 15 हज़ार ही।
😄
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जब से मोदी जी ने ‘लोकल’ को बढ़ावा देने की बात की है तब से कई लोगों के फ़ोन आ रहे हैं, ये जानने के लिए कि कल से अंग्रेज़ी शराब की दुकानें खुलेंगी या केवल देशी शराब के ठेके ?
😄
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सोचिए, वो इकोनॉमिक्स और मैथमेटिक्स के कितने थर्ड क्लास स्टूडेंट रहे होेंगे जो वित्त मंत्री के बीस लाख़ करोड़ का ब्रेकअप दिए जाने से पहले ही इस आर्थिक पैकेज की सोकॉल्ड कॉन्फ़ीडेंस के साथ आलोचना कर रहे हैं।😄
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सही कहा आपने, जिनके पास पैसे नहीं हैं, जो हज़ारों किलोमीटर भूखे-प्यासे चल रहे हैं लेकिन इतनी परेशानी के बावजूद भी किसी को पत्थर नहीं मार रहे, मोदी जी को उन लाखों मज़दूरों को लिए भी दो शब्द ज़रूर बोलने चाहिए थे। नॉट डन। twitter.com/Javedakhtarjad…
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बीस लाख़ करोड़ में लोग सबसे ज़्यादा इंटरेस्ट ‘ज़ीरो’ में ले रहे हैं मतलब, इतने ज़ीरो लगेंगे उतने जीरों लगेंगे और जब यही ज़ीरो मिलेगा तो शिकायत करेंगे कि देखो ज़ीरो मिला।😄
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मज़दूर हूँ मैं
#MigrantWorkers
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इस तस्वीर पर आगरा के डीएम ने संवेदनहीन बयान देते हुए कहा कि ‘बचपन में हम भी ऐसे ही सूटकेस पर बैठ जाया करते थे’, लगता है डीएम साहेब की स्थिति का सही आँकलन ना कर पाने की इसी अक्षमता के चलते आगरा वुहान बना हुआ है।
@OfficeOfDMAgra
@myogioffice
#MigrantWorkers
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आप सुन रहे हैं ना सरकार❓
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लॉकडाउन 4.0 का सीधा सा मतलब है कि ‘सवारी अपने सामान की ख़ुद ज़िम्मेदार है।’😄
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जो ठीक से शाहिद आफ़रीदी भी नहीं बन पाया वो इमरान खान बनना चाह रहा है।😄
@SAfridiOfficial
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राजनीति मत कीजिए, वो बसें ही रही होंगी फिर उन्हें कोरोना हो गया होगा और वो कमज़ोरी की वजह से ऑटो रिक्शा बन गई होंगी।😄
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मज़दूरों को उनके गांव पहुँचाने के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकारों ने क्या किया ये सवाल बड़ा है लेकिन सवाल तो ये भी है कि राजस्थान से बसें केवल यूपी ही क्यूँ भेजी जा रही हैं? महाराष्ट्र में भी तो आपकी ही सरकार है लेकिन मुंबई से तो आपकी बजाए अभिनेता सोनू सूद बसें चलवा रहे हैं।
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अभी एक ऑटो रिक्शा वाले को खचाखच सवारियाँ भरकर ले जाते देखा तो मैंने कहा, भाई आपको पता नहीं है क्या आप ऑटो रिक्शा में एक ज़्यादा सवारी नहीं बिठा सकते? वो बोला, किसने कहा ये ऑटो रिक्शा है, ये तो ‘बस’ है साहब।
😄
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राम मंदिर के मिले हैं प्राचीन अवशेष,
क्या अब भी कुछ रहा है कहने को शेष?
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अभी 10 बजे एक मज़दूर सुनाएगा सरकार को अपनी कहानी। सुनना मत भूलिएगा। सिर्फ़ @ABPNews पर।
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मोबाइल से कोरोना फैले ना फैले रायता ज़रूर फैल गया है।😄