Anuraag Muskaan(@anuraagmuskaan)さんの人気ツイート(いいね順)

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‘फूलों से पेट नहीं भरता, सेना रोटी ही बरसा देती’, ये कहने वाले भूल रहे हैं कि आपदा के समय यही सेना हैलीकाप्टर से राहत सामग्री भी बरसाती है। दरअसल कोरोना वॉरियर्स पर पत्थर बरसाने वालों को और उनके हिमायतियों को कोरोना वॉरियर्स पर किसी का फूल बरसाना बर्दाश्त भी कैसे हो सकता है।😄
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किसानों का भविष्य क्या होगा ये तो नहीं पता लेकिन कृषि क़ानून वापस लेकर मोदी ने राजनीति में कईयों का भविष्य बर्बाद ज़रूर कर दिया है। 😄
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जब हम आसाराम और रामरहीम का कच्चा-चिट्ठा खोल रहे थे तब हम पर कुछ लोग हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगा रहे थे और अब जब हम शाहीन बाग़ और तब्लीगी जमात का सच दिखा रहे हैं तो कुछ लोग हम पर मुस्लिम विरोधी होने का इल्ज़ाम लगा रहे हैं। यही हमारी निष्पक्षता और ईमानदारी का सबसे बड़ा सबूत है।
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पुलिस बस जला रही थी ये दावा ग़लत निकला बल्कि जो सच सामने आया है वो ये कि पुलिस वहाँ चाय की दुकान लगाने वाले सलीम की मदद से उसकी दुकान में रखे कैन में पानी लेकर आग बुझा रही थी। अरे अफ़वाह फैलाने वालों, नागरिकता क़ानून अगर तुम्हारी समझ में नहीं आ रहा तो चायवाले सलीम से ही समझ लो।
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दिल्ली में यमुना सूख गई तो क्या हुआ, पानी तो फ़्री है ना। 😄
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वो तो ग़नीमत है कि सोशल मीडिया पर ‘थूकने’ से कोरोना नहीं फैलता वरना अब तक तो दुनिया ख़त्म हो गई होती।😄
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जो ऐलान और अपील कर रहा था कि कोई कोरोना हमको एक-दूसरे से अलग नहीं कर सकता, वो ख़ुद फ़रार है।😄
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पकड़े जाने पर, हमारी पार्टी में भ्रष्टाचारियों के लिए कोई जगह नहीं है। 😄
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बलात्कार की सज़ा सिर्फ़ मौत होनी चाहिए और वो भी अपराधी के पकड़े जाने के बाद बिना किसी देरी के। क्या ऐसा कभी हो सकेगा @narendramodi जी?🙏🏼
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ड्रोन कैमरों ने दिखाया की कैसे सील इलाक़ों और मुहल्लों में लोगों का मजमा लगा था, क्रिकेट खेला जा रहा था, जुआ खेला जा रहा था और सामान्य दिनों जैसी चहल-पहल थी। विडंबना ये कि पहले ग़लती करते हैं और पकड़ो या ख़बर दिखाओ तो कहते हैं हमें टारगेट किया जा रहा है।
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भारत में मुस्लिम लगभग 16% हैं, सब केवल अल्लाह को मानते हैं, सिख लगभग 2% हैं, सब केवल वाहेगुरू को मानते हैं, ईसाई लगभग 2% हैं, सब केवल जीसस को मानते हैं और हिन्दू लगभग 80% हैं मगर उनकी आस्था करोड़ों देवी-देवताओं में बंटी हुई है। मतलब एक पर आस्था के मामले में मुस्लिम सर्वाधिक हैं।
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किसी को भी ये अधिकार नहीं है कि वो नबी का मज़ाक़ उड़ाए या अपमान करे लेकिन मज़ाक़ और अपमान शिवलिंग का भी नहीं होना चाहिए। किसी भी धर्म के ईश्वर का नहीं होना चाहिये।
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मन तो मेरा भी कई बार करता है थूकने का लेकिन फिर मुझमें और उनमें फ़र्क़ ही क्या रह जाएगा।😄
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उद्धव जी से ज़्यादा चिंता तो मुझे संजय भाऊ की हो रही है। 😄
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हम वादा करते हैं कि जो भी दोषी होगा हम उसको सूली पर चढ़ा देंगे लेकिन हम इस मामले की सीबीआई जाँच का विरोध करते हैं।😄
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जो घर बैठे सवाल उठा रहे हैं उन पर भरोसा कर रहे हैं लेकिन जो ग्राउंड ज़ीरो से भरोसे की ख़बर दे रहे हैं उन पर सवाल उठा रहे हैं। हिन्दुस्तान में रहने वाले ऐसे दिलजलों को मैंने ‘पाकचीनिस्तानी’ नाम दिया है।😄
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सुरक्षा हटते ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई और सबने इसके लिए वहाँ की सरकार को दोषी ठहराया लेकिन कश्मीर में तमाम सुरक्षा दावों के बावजूद जो टारगेट किलिंग हो रही है उसके लिए किसको ज़िम्मेदार ठहराया जाए ?
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कल तक पैट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों पर जो दिन भर गाल बजाते थे, लगता है उन्होंने दाम कम होते ही पैट्रोल और डीजल अपनी गाड़ियों की टंकी के साथ-साथ अपने मुँह में भी भरवा लिया है। 😄
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CBI से डर नहीं लगता साहब, NCB से लगता है।😄
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यासिन मलिक ने तो क़ुबूल कर लिया अब उसके साथ मुस्कुराकर फ़ोटो खिंचवाने वाले पत्रकार कब क़ुबूल करेंगे ? 😄
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कोई आधी रात को मेरे घर पर अपनी नेमप्लेट लगाकर सुबह अपना सामान लेकर आ धमका। मैंने कहा कि ये मेरा पुश्तैनी घर है भाई, अपनी नेमप्लेट हटाओ। वो बोला- ‘नफ़रती कीड़े, ये मेरा ही घर है, कल रात से मेरे नाम की नेमप्लेट यहाँ लगी है, तू पूरी रात तो कुछ नहीं बोला।’ बताइए अब क्या किया जाए? 😄
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ये ट्विटर पर रोज़ रात को 600 से 800 फ़ॉलोवर्स के अचानक कम हो जाने के स्कैम की जाँच CBI को सौंपी जानी चाहिए या NCB को ? 😄
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नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए पहले ही टेस्ट मैच में भारत ने इंग्लैंड को हरा कर जीत हासिल की। ये ख़बर दिलजलों के लिए कोढ़ में खाज जैसी हो गई है। 😄
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उसके पास कोई कोरोना फंड नहीं है, उसके पास पीपीई किट नहीं है, उसके पास संकल्प शक्ति है और हाँ वो हज़ारों लोगों की बिना देर किए मदद इसलिए भी कर पा रहा है क्यूँकि वो किसी राजनैतिक दल से नहीं है। साधुवाद @SonuSood 🙏🏼
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पुलिस पर पथराव आप करें, सरकारी संपत्ति को आग आप लगाएँ, बच्चों से भरी स्कूल बस आप तोड़े, मीडियाकर्मियों को आप घेरें, धारा 144 का उल्लंघन आप करें और फिर भी नारे लगाएँ कि ‘हमें चाहिए आज़ादी, हम लेक्के रहेंगे आज़ादी’, अरे, और कितनी, किस बात की और कौन सी आज़ादी चाहिए आपको ?