PMO India(@PMOIndia)さんの人気ツイート(古い順)

1801
देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का एक केंद्र है बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य को भी प्रशस्त करता है। इस पवित्र स्थान का पुनर्निमाण करने के लिए मैं मंदिर न्यास और सभी भक्तों का आभार व्यक्त करता हूं: PM @narendramodi
1802
हमें गर्व है कि हम दुनिया की प्राचीनतम जीवित सभ्यताओं में से एक हैं। इसका श्रेय अगर किसी को जाता है तो वो भारत की संत परंपरा को है, भारत के ऋषियों मनीषियों को है: PM @narendramodi
1803
भारत शाश्वत है, क्योंकि भारत संतों की धरती है। हर युग में हमारे यहां, देश और समाज को दिशा देने के लिए कोई न कोई महान आत्मा अवतरित होती रही है। आज देश संत कबीरदास की जयंती मना रहा है: PM @narendramodi
1804
संत तुकाराम जी की दया, करुणा और सेवा का वो बोध उनके ‘अभंगों’ के रूप आज भी हमारे पास है। इन अभंगों ने हमारी पीढ़ियों को प्रेरणा दी है। जो भंग नहीं होता, जो समय के साथ शाश्वत और प्रासंगिक रहता है, वही तो अभंग है: PM @narendramodi
1805
छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रनायक के जीवन में भी तुकाराम जी जैसे संतों ने बड़ी अहम भूमिका निभाई। आज़ादी की लड़ाई में वीर सावरकर जी को जब सजा हुई, तब जेल में वो हथकड़ियों को चिपली जैसा बजाते हुए तुकाराम जी के अभंग गाते थे: PM @narendramodi
1806
हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए आज ये हमारा दायित्व है कि हम अपनी प्राचीन पहचान और परम्पराओं को चैतन्य रखें। इसलिए, आज जब आधुनिक टेक्नोलॉजी और इनफ्रास्ट्रक्चर भारत के विकास का पर्याय बन रहे हैं तो हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास और विरासत दोनों एक साथ आगे बढ़ें: PM
1807
महाराष्ट्र ने तो अनेक क्षेत्रों में देश को प्रेरित किया है। अगर हम सामाजिक क्रांतियों की बात करें तो जगतगुरू श्री संत तुकाराम महाराज से लेकर बाबा साहेब आंबेडकर तक समाज सुधारकों की एक बहुत समृद्ध विरासत है: PM @narendramodi
1808
महाराष्ट्र में संत ज्ञानेश्वर, संत नामदेव, समर्थ रामदास, संत चोखामेला, जैसे संतों ने देश को ऊर्जा दी है। अगर स्वराज्य की बात करें तो छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति सांभाजी महाराज का जीवन आज भी हर भारतीय में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल कर देता है: PM @narendramodi
1809
जब हम भारत की आज़ादी की बात करते हैं, तो जाने-अनजाने उसे कुछ घटनाओं तक सीमित कर देते हैं। जबकि भारत की आजादी में अनगिनत लोगों का तप और उनकी तपस्या शामिल रही है। स्थानीय स्तर पर हुई अनेकों घटनाओं का सामूहिक प्रभाव राष्ट्रीय था। साधन अलग थे लेकिन संकल्प एक था: PM @narendramodi
1810
सामाजिक, परिवारिक, वैचारिक भूमिकाएं चाहे कोई भी रही हों, आंदोलन का स्थान चाहे देश-विदेश में कहीं भी रहा हो, लक्ष्य एक था - भारत की संपूर्ण आज़ादी: PM @narendramodi
1811
मुंबई तो सपनों का शहर है ही, महाराष्ट्र के ऐसे अनेक शहर हैं, जो 21वीं सदी में देश के ग्रोथ सेंटर होने वाले हैं। इसी सोच के साथ एक तरफ मुंबई के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाया जा रहा है तो साथ ही बाकी शहरों में भी आधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं: PM @narendramodi
1812
मुंबई समाचार के सभी पाठकों, पत्रकारों और कर्मचारियों को इस ऐतिहासिक समाचार पत्र की दो सौवीं वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएं! इन दो सदियों में अनेक पीढ़ियों के जीवन को, उनके सरोकारों को मुंबई समाचार ने आवाज़ दी है: PM @narendramodi
1813
मुंबई समाचार ने आज़ादी के आंदोलन को भी आवाज़ दी और फिर आज़ाद भारत के 75 वर्षों को भी हर आयु के पाठकों तक पहुंचाया। भाषा का माध्यम जरूर गुजराती रहा, लेकिन सरोकार राष्ट्रीय था: PM @narendramodi
1814
विदेशियों के प्रभाव में जब ये शहर बॉम्बे हुआ, बंबई हुआ, तब भी इस अखबार ने अपना लोकल कनेक्ट नहीं छोड़ा, अपनी जड़ों से जुड़ाव नहीं तोड़ा। ये तब भी सामान्य मुंबईकर का अखबार था और आज भी वही है- मुंबई समाचार: PM @narendramodi
1815
मुंबई समाचार सिर्फ एक समाचार का माध्यम भर नहीं है, बल्कि एक धरोहर है। मुंबई समाचार भारत का दर्शन है, भारत की अभिव्यक्ति है। भारत कैसे हर झंझावात के बावजूद, अटल रहा है, उसकी झलक हमें मुंबई समाचार में भी मिलती है: PM @narendramodi
1816
मुंबई समाचार जब शुरु हुआ था तब गुलामी का अंधेरा घना हो रहा था। ऐसे कालखंड में गुजराती जैसी भारतीय भाषा में अखबार निकालना इतना आसान नहीं था। मुंबई समाचार ने उस दौर में भाषाई पत्रकारिता को विस्तार दिया: PM @narendramodi
1817
भारत का हज़ारों वर्षों का इतिहास हमें बहुत कुछ सिखाता है। यहां जो भी आया, छोटा हो या बड़ा, कमज़ोर हो या बलवान, सभी को मां भारती ने अपनी गोद में फलने-फूलने का भरपूर अवसर दिया। पारसी समुदाय से बेहतर इसका उदाहरण क्या हो सकता है: PM @narendramodi
1818
आज़ादी के आंदोलन से लेकर भारत के नवनिर्माण तक पारसी बहन-भाईयों का योगदान बहुत बड़ा है। संख्या से हिसाब से समुदाय देश के सबसे छोटे समुदायों में से है, एक तरह से माइक्रो-माइनॉरिटी है, लेकिन सामर्थ्य और सेवा के हिसाब से बहुत बड़ा है: PM @narendramodi
1819
समाचार पत्रों का, मीडिया का काम समाचार पहुंचाना है, लोक शिक्षा का है, समाज और सरकार में कुछ कमियां हैं तो उनको सामने लाने का है। मीडिया का जितना अधिकार आलोचना का है, उतना ही बड़ा दायित्व सकारात्मक खबरों को सामने लाने का भी है: PM @narendramodi
1820
बीते 2 वर्षों में कोरोना काल के दौरान जिस प्रकार हमारे पत्रकार साथियों ने राष्ट्रहित में एक कर्मयोगी की तरह काम किया, उसको भी हमेशा याद किया जाएगा। भारत के मीडिया के सकारात्मक योगदान से भारत को 100 साल के इस सबसे बड़े संकट से निपटने में बहुत मदद मिली: PM @narendramodi
1821
ये देश डिबेट और डिस्कशन्स के माध्यमों से आगे बढ़ने वाली समृद्ध परिपाटी का देश है। हज़ारों वर्षों से हमने स्वस्थ बहस को, स्वस्थ आलोचना को, सही तर्क को सामाजिक व्यवस्था का हिस्सा बनाया है: PM @narendramodi
1822
हमने बहुत कठिन सामाजिक विषयों पर भी खुलकर स्वस्थ चर्चा की है। यही भारत की परिपाटी रही है, जिसको हमें सशक्त करना है: PM @narendramodi
1823
उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुई सड़क दुर्घटना अत्यंत दुखद है। इसमें जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मैं अपनी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही हादसे में घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं: PM @narendramodi
1824
आज सदियों बाद पावागढ़ मंदिर में एक बार फिर से मंदिर के शिखर पर ध्वज फहरा रहा है। ये शिखर ध्वज केवल हमारी आस्था और आध्यात्म का ही प्रतीक नहीं है! ये शिखर ध्वज इस बात का भी प्रतीक है कि सदियाँ बदलती हैं, युग बदलते हैं, लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता है: PM @narendramodi
1825
आज भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव पुनर्स्थापित हो रहे हैं। आज नया भारत अपनी आधुनिक आकांक्षाओं के साथ साथ अपनी प्राचीन पहचान को भी जी रहा है, उन पर गर्व कर रहा है: PM @narendramodi